निरहुआ ने भोजपुरी सिनेमा में बदलाव की आवश्यकता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि दर्शकों की मांग थी कि भोजपुरी फिल्मों में कुछ नया किया जाए। जब पूरी दुनिया और सिनेमा में परिवर्तन हो रहा है, तो भोजपुरी सिनेमा को भी इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म को न केवल भोजपुरी दर्शकों से, बल्कि हिंदी, तमिल और मराठी इंडस्ट्री के लोगों से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
भाषा विवाद पर निरहुआ ने कहा कि यह एक प्रकार की गंदी राजनीति है। उन्होंने कहा कि भाषा के नाम पर गरीबों के बीच नफरत फैलाना गलत है। भोजपुरी बोलने वाले लोग जानते हैं कि मराठी भाषा कितनी प्यारी है और महाराष्ट्र के लोग भी भोजपुरी की अहमियत समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को अपनी भाषा सीखने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।
कांवड़ यात्रा के संदर्भ में निरहुआ ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी पहचान बताने में गर्व महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई यादव परिवार में पैदा हुआ है और भोजपुरी बोलता है, तो यह गर्व की बात है। हर किसी को अपनी पहचान को गर्व से बताना चाहिए।
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